अष्टमी : माँ महागौरी
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
माँ दुर्गा जी की आठवीं शक्ति का नाम “ महागौरी “ है | दुर्गा पूजा के आठवें दिन माँ महागौरी की उपासना का विधान है | इनकी शक्ति अमोघ और सद्य: फलदायिनी है | उनकी उपासना से भक्तों के सभी कल्मष धुल जाते हैं |
पौराणिक कथा के अनुसार , माँ पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए जीवन में कई हजारों सालों तक कठोर तपस्या की थीं | तपस्या के दौरान उन्होंने जल और अन्न का त्याग कर दिया था | इसलिए उनका शरीर कला पड़ गया था | माँ पार्वती की तपस्या को देख भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्होने माँ पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया , तपस्या के दौरान शरीर काला पड़ जाने की वजह से महादेव ने उन्हें गंगा जल से पवित्र किया , जिसके बाद उनका शरीर दुबारा कांतिमय हो गया | गंगा जल के द्वारा उनका वर्ण सफ़ेद हो गया , जिस कारण वह माँ महागौरी कहलायी |
नवरात्रि के आठवें दिन का रंग- बैंगनी
बैंगनी रंग सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की शक्ति से जुड़ा है। बैंगनी वस्त्र पहनकर नवदुर्गा की पूजा करने से भक्तों को ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आभा में बैंगनी रंग उच्च आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है।