हनुमान जयंती 2025 : Let’s take Divine blessings Hanumanji on this auspicious day !

हनुमान जयंती 2025 विशेष

हनुमान जी की माता अंजनी देवी थी और हनुमान जी के पिता केसरी जीते हनुमान जी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा को हुआ था जिसे हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है | इस दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है और साथ ही राम जी की भी पूजा की जाती है क्योंकि राम जी की पूजा के बिना हनुमान जी की पूजा अधूरी मानी जाती है ।

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम श्री हरि विष्णु के सातवें अवतार हैं और हनुमान जी का जन्म शिव जी के ग्यारवें रूद्र अवतार के रूप में हुआ है । कहा जाता है की श्री राम के बिगड़े काम बनाने के लिए ही हनुमान जी का जन्म हुआ और हनुमान जी श्री राम जी के परम और प्रिय भक्त है । हर वर्ष चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष को पूर्णिमा तिथि में हनुमान जी का जन्मदिवस मनाया जाता है ।

इस दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित किया जाता है और कई मंदिरों में भजन , कीर्तन , हनुमान जी के जन्म की कथा , प्रवचन आदि पड़ा जाता है | यह प्रवचन सूर्योदय से पहले शुरू होते है क्युकि हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था और शाम को ” अखंड – हनुमान चालीसा का पाठ ” के जप के बाद समाप्त होते है |

इस दिन कर्नाटक के निकट हंपी में अंजनैय या अंजनेयरी हिल में बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित होते हैं , क्योकि इसे भगवान हनुमान जी का जन्मस्थान माना जाता है | यह भी माना जाता है यहाँ पर हनुमान जी की माता अंजनी ने गर्भ धारण करने के लिए गहन अनुष्ठान किया था |
श्री राम नवमी के 6 दिन बाद ही हनुमान जी का जन्मदिन क्यों मनाया जाता है इसके कारण है कि रामनवमी के 6 दिन बाद हनुमान जयंती भी मनाई जाती है । हनुमान चालीसा में “भीम रूप धरि असुर संघारे रामचंद्र जी के काज सवारें ” चौपाई में हमें वह अर्थ मिलता है यानी की राम जी सबके काम बनाते हैं लेकिन उनके काम हनुमान जी बनाते है ।

हनुमान जयंती 2025

 

हनुमान जयंती पूजा समय

हनुमान जयंती शनिवार, 12 अप्रैल, 2025 को है
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 12 अप्रैल, 2025 को सुबह 03:22 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 13 अप्रैल, 2025 को सुबह 05:50 बजे

 
 
जय श्री हनुमान 
इन्द्र के वज्र से जिनकी बायीं हनु (ठुड्डी) टूट गयी है, उस टूटी हुई विशेष हनु के कारण वे ‘हनुमान’ कहलाते हैं। 
श्री अंजनीसुत
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को प्रदोषकाल में अंजनादेवी के गर्भ से हनुमानजी का जन्म हुआ था इसलिए हनुमानजी ‘अंजनीसूनु’, ‘आंजनेय’ या ‘अंजनीसुत’ कहलाते हैं। 
श्री वायुपुत्र
वायु अर्थात पवन देव के पुत्र होने के कारण इनका नाम वायु पुत्र पड़ गया
श्री महाबली
हनुमान जी बहुत शक्तिशाली और बलवान है उन्होंने संजीवनी बूटी के लिए एक हाथ से पहाड़ उठा दिया इसीलिए इनका नाम महाबली  के नाम से कहा जाने लगा |
श्री रमेष्ठ
भगवान श्री राम की अत्यंत प्रिय होने के कारण इनका नाम रामेष्ठ कहां जाने लगा |
श्री फाल्गुण सखा
र्जुन के मित्र महाभारत के युद्ध में हनुमान जी ने अर्जुन के रथ की रक्षा की थी और इस कारण से इनका नाम फाल्गुण सखा से जाना जाने लगा |
श्री पिंगाक्ष 
हनुमान जी के भूरे नेत्र हैं इस कारण से उन्हें पिंगाक्ष भी कहा जाता है |
श्री अमित विक्रम 
हनुमान जी बहुत ही वीर और बलशाली हैं जिसके कारण उनका नाम अमित विक्रम भी है |
 श्री उदधिक्रमण
विशाल समुद्र को एक ही छलांग में लाघांग वाले इसलिए इनका नाम उदधिक्रमण पड़ा |
श्री सीताशोकविनाशन 
अशोक वाटिका में भगवान श्री राम का संदेश माता सीता तक पंहुचा कर हनुमान जी ने माता सीता का शोक का नाश किया इसलिए इनको सीता शोक विनाशन भी कहा जाता है |
श्री लक्ष्मण प्राण दाता
संजीवनी बूटी लाकर हनुमान जी को दोबारा जीवन दान देने वाले लक्ष्मण प्राण दाता इसीलिए इनको लक्ष्मण प्राण दाता नाम से भी जाना जाता है |
श्री दशग्रीव दर्पहा
दशग्रीव दर्पहा मतलब रावण का अहंकार तोड़ने वाले हनुमान जी को दशग्रीव दर्पहा से भी जाना जाता है |

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