बसंत पंचमी 2025 – Let’s take divine blessings of Maa Sharde on this beautiful day Saraswati Pooja !

बसंत पंचमी 2025 Date,Time & Significance :

श्री पंचमी या बसंत पंचमी का त्यौहार भारत के कई राज्य में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है | इसे “सरस्वती पूजा” के नाम से भी जाना जाता है | बसंत शब्द का मतलब “Spring” होता है और पंचमी शब्द ,यह हिन्दू केलिन्डर के हिसाब से माघ के महीने का पांचवा दिन होता है | इसलिए यह पर्व “माघ “महीने में मनाया जाता है | आईये जानते है 2025 में बसंत पंचमी कब है ?

वसंत/बसंत पंचमी 2025 मुहूर्त पर सरस्वती पूजा :

2 फरवरी 2025 , रविवार को बसंत पंचमी  
वसंत पंचमी मुहूर्त – सुबह 07:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
अवधि – 05 घंटे 26 मिनट

बसंत पंचमी 2025

बसंत पंचमी 2025 महत्व :

हिन्दू धर्म में इस पर्व का अपने आप में  एक महत्वपूर्ण है | बसंत पंचमी, वसंत की शुरुआत का प्रतीक है, जो नई शुरुआत, कायाकल्प और प्रकृति के खिलने से जुड़ा मौसम है। यह वह समय है जब खेत पीले सरसों के फूलों से सज जाते हैं, और पेड़ खिलने लगते हैं, जो नवीकरण और जीवन शक्ति का प्रतीक है |

आईये जानते है बसंत पंचमी 2025 की पूजा विधि कैसे करे ?

माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को बंसन्त पंचमी मनाई जाती है | इस दिन भगवन विष्णु एवं माँ सरस्वती की पूजा कर जल, मौली , रौली , चावल, पीला फूल, अबीर, गुलाल, फल, दक्षिणा चढ़ाए | धूप व दीया जलाकर आरती कर प्रसाद लगाए |

सरस्वती माता की प्रार्थना-

हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ

हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे
हम है अकेले, हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
मुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी
वेदों की भाषा, पुराणों की बानी
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे
हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे
मनसे हमारे मिटाके अँधेरे,
हमको उजालों का संसार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
 
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ….

सरस्वती देवी का मंत्र –

या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

(‘ हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूँ। मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरम्भ कर रहा हूँ , मुझे इस कार्य में सिद्धि मिले।)

 FAQs:

Q1. बसंत पंचमी कब और क्यों मनाई जाती है ?

Ans. बसंत पंचमी भारत में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखती है, वसंत की शुरुआत का जश्न मनाती है , ज्ञान और समृद्धि के लिए सरस्वती के आशीर्वाद का आह्वान करती है। यह हिन्दू केलिन्डर के हिसाब से माघ के महीने पांचवे दिन में मनाई जाती है इसलिए यह पर्व “माघ “महीने में मनाया जाता है | इस साल बसंत पंचमी 2025 , 02 फरवरी ,रविवार को मनाई जाएगी |

Q2. बसंत पंचमी 2025 का शुभ मुहर्त कब है ?

Ans. बसंत पंचमी 2025 पर सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 07:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक रहेगा। पंचमी तिथि प्रारम्भ – 02 फरवरी 2025 को प्रातः 09:14 बजे से पंचमी तिथि समाप्त – 03 फरवरी 2025 को प्रातः 06:52 बजे

Q3. बसंत पंचमी का संस्कृतिक महत्व क्या है ?

Ans. बसंत पंचमी को शैक्षणिक संस्थानों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, जहाँ सरस्वती के सम्मान में विशेष प्रार्थनाएँ और अनुष्ठान किए जाते हैं। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सरस्वती पूजा समारोह आयोजित करते हैं, जहां छात्र और शिक्षक प्रार्थना करते हैं, आशीर्वाद मांगते हैं और संगीत, नृत्य और कविता पाठ जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं।

Q4. सरस्वती पूजा/ बसंत पंचमी पर कौन से रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है ?

Ans.  इस अवसर पर लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और माथे पर पीला तिलक लगाकर देवी को पीले फूल चढ़ाते हैं।

Q5. सरस्वती माता के भोग के प्रसाद में क्या चढ़ाया जाता है ?

Ans. केसरिया चावल की खीर (केसरिया भात), मीठे चावल (मीठे चावल), और पीले हल्दी चावल (हल्दी चावल) जैसी पीली मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं और प्रसाद (पवित्र प्रसाद) के रूप में वितरित की जाती हैं।

 

 

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