2. माँ ब्रह्मचारिणी- Experience blessings from supreme power Maa brahamcharini !

द्वितीय : माँ ब्रह्मचारिणी

दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||

माँ ब्रह्मचारिणी

माँ दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप “ब्रह्मचारिणी”का है | यहाँ “ब्रह्म” शब्द का अर्थ तपस्या है | ब्रह्मचारिणी अथार्त तप की चैरिणी – तप का आचरण करने वाली | ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यंत भव्य है | इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमंडलु रहता है | माँ दुर्गा जी का यह दूसरा स्वरूप भक्तो और सिद्धों को अनन्त फल देने वाला है | इनकी उपासना से मनुष्य में तप , त्याग , वैराग्य , सदाचार , संयम की वृद्धि होती है | दुर्गा पूजा के दूसरे दिन इन्ही के स्वरुप की उपासना की जाती है | इस दिन साधक का मन “स्वाधिष्ठान” चक्र में स्थित होता है | इस चक्र में अवस्थित मन वाला योगी उनकी कृपा और भक्ति प्राप्त करता है |

नवरात्रि के दूसरे दिन का रंग- सफेद
नवरात्रि पूजा के दूसरे दिन सफेद रंग पहनकर देवी नवदुर्गा की पूजा करने से मन में पवित्रता बानी रहती है | इस रंग को अक्सर हिंदू दर्शन में “सत्व” (अच्छाई और पवित्रता की गुणवत्ता) की अवधारणा से जोड़ा जाता है।

नवरात्रि पूजा का महत्व एवं पूजा विधि !

 

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