नवमी : माँ सिद्धिदात्री
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ||
माँ दुर्गा जी की नवीं शक्ति का नाम ” सिद्धिदात्री “ है | ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं | नवदुर्गाओं में माँ सिद्धिदात्री अंतिम है | इनकी उपासना पूर्ण कर लेने के बाद भक्तों की सभी प्रकार की कामनाओं की मूर्ति हो जाती है |
माता के लिए बनाए नैवेध की थाली माँ भोग सम्पर्ण करके निम्न प्रार्थना करें | ततपश्चात दुर्गा चालीसा , विन्ध्येश्वरी चालीसा , विन्ध्येश्वरी स्त्रोत्र का पाठ करके श्री दुर्गा जी की आरती करके नवरात्रों के नौ दिन की पूजा समाप्त हो जाती है | व्रत रखने वाले नर – नारी इस प्रकार से पूजा कर चुकने पर भोजन करके सामान्य व्यवहार प्रारम्भ कर लें |
नवरात्रि के नौवाँ दिन का रंग- बैंगनी
बैंगनी रंग सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की शक्ति से जुड़ा है। बैंगनी वस्त्र पहनकर नवदुर्गा की पूजा करने से भक्तों को ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आभा में बैंगनी रंग उच्च आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है।
नवरात्रि पूजा का महत्व एवं पूजा विधि !
श्री राम नवमी 2025 महत्त्व एवं पूजा विधि
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म महारानी कौशल्या की कोख से हुआ था | भारतीय जन – जीवन में यह दिन पुण्य पर्व माना जाता है | इस दिन को राम जी की जन्म तिथि होने के कारण राम नवमी नाम से पुकारी जाती है | प्रत्येक राम मंदिर में भक्तों द्वारा श्री राम का गुणगान किया जाता है | श्री राम जी की मूर्ति को पंचामृत में स्नान कराना , धूप , दीप , नैवेद्य इत्यादि के द्वारा अभ्यर्थना करनी चाहिए | इस दिन पुण्यसलिला सरयू नदी में स्नान करके लोग पुण्य लाभ कमाते हैं |
गोस्वामी तुलसीदास ने अपने काव्य ‘ रामचरित मानस ‘ की रचना इसी दिन अयोध्या में आरम्भ की थी | इसलिए नवमी रात्रि को रामचरितमानस का पथ करना तथा सुनना चाहिए | अयोध्या में इस तिथि को बड़ा भरी मेला लगता है | इस व्रत को करके हमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र के आदर्शो कप अपनाना चाहिए | भगवन श्री राम की गुरुसेवा , जाती – पाँति का भेदभाव मिटाना , शरणागत की रक्षा , भ्रातृ – प्रेम , मातृ – पितृ भक्ति , एक पत्नी व्रत , पवनसुत हनुमान तथा अंगद की स्वामिभक्ति , गिद्धराज की कर्तव्यनिष्ठा तथा केवट आदि के चरित्रों की महानता को अपनाना चाहिए |
राम नवमी 2025 मुहूर्त
रविवार, 6 अप्रैल, 2025 को राम नवमी
राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त – सुबह 11:07 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक
नवमी तिथि आरंभ – 05 अप्रैल 2025 को शाम 07:25 बजे से
नवमी तिथि समाप्त – 06 अप्रैल, 2025 को शाम 07:24 बजे